शुरुआत कैसे हुई?
2025 की गर्मियों में जब दुनिया आर्थिक सुधार की उम्मीद कर रही थी, उसी दौरान 13 जून 2025 को इजराइल और ईरान के बीच तनाव ने विकराल रूप ले लिया।
इस संघर्ष ने धीरे-धीरे सीरिया, इराक और यमन तक फैलाव ले लिया।
💣 प्रमुख घटनाएं
तिथि |
घटना |
13 जून |
ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने इजराइल पर मिसाइलें दागीं |
14 जून |
इजराइल ने ईरान के भीतर सैन्य ठिकानों पर हमला किया |
18 जून |
ईरान ने तेल अवीव पर मिसाइल हमले किए |
21 जून |
IRGC कमांडर सईद इजादी को इजराइली हमले में मार गिराया गया |
22 जून |
अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया – युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलने लगा |
🇮🇱 इजराइल का उद्देश्य
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ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को रोकना
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अपने नागरिकों को हूती, हिज़बुल्ला जैसे ईरान समर्थित समूहों से बचाना
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अमेरिका और पश्चिमी देशों का समर्थन हासिल करना
🇮🇷 ईरान का नजरिया
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इजराइल के खिलाफ कार्रवाई को फिलिस्तीनियों की सुरक्षा से जोड़ा गया
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ईरान ने इसे “क्षेत्रीय प्रतिरोध का हिस्सा” बताया
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IRGC और Quds Force को आगे बढ़ाकर प्रत्यक्ष हमला शुरू किया
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
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अमेरिका ने इजराइल का समर्थन करते हुए बमवर्षकों की तैनाती की और ईरान पर एयरस्ट्राइक की
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रूस और चीन ने युद्धविराम की अपील की लेकिन खुले समर्थन से बचते रहे
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संयुक्त राष्ट्र ने इसे गंभीर संकट करार दिया और आपात बैठक बुलाई
🇮🇳 भारत की स्थिति
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भारत ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की
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कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से भारत चिंतित है
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खाड़ी देशों में बसे 90 लाख भारतीयों की सुरक्षा एक प्रमुख मुद्दा बन गई है
🕊️ क्या अब युद्ध रुकेगा?
हालात अभी बेहद तनावपूर्ण हैं। युद्ध कब थमेगा, ये कई फैक्टर पर निर्भर करेगा:
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क्या अमेरिका और यूरोप कूटनीति के लिए प्रयास करेंगे?
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क्या ईरान परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाएगा?
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क्या इजराइल सीमित दायरे में सशस्त्र कार्रवाई तक ही रहेगा?
📢 निष्कर्ष
ईरान-इजराइल युद्ध 2025 केवल दो देशों की लड़ाई नहीं रही — यह एक क्षेत्रीय संघर्ष से वैश्विक संकट में बदल चुका है। इसकी कहानी अभी खत्म नहीं हुई है, लेकिन यह साफ है कि आने वाले दिन मध्य पूर्व और पूरी दुनिया के लिए बेहद निर्णायक होने वाले हैं।