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माळेगाव साखर कारखाना चुनाव: अजित पवार की ऐतिहासिक वापसी, 91 में से 91 वोट हासिल कर मारी बाज़ी!

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अजित पवार की ऐतिहासिक वापसी

40 साल बाद सहकार क्षेत्र में दादा की धमाकेदार वापसी

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने बारामती के माळेगाव सहकारी साखर कारखाने के बहुचर्चित चुनाव में गट ब (Group B) से 91 में से 91 वोट जीतकर धमाकेदार वापसी की है।
यह चुनाव खास इसलिए भी था क्योंकि अजित पवार लगभग 40 साल बाद सहकार चुनाव में उतर रहे थे।


🧾 चुनावी आंकड़े

बिंदु विवरण
चुनाव दिनांक 22 जून 2025
कुल वोटर (गट अ) लगभग 19,000 शेतकरी
गट ब में वोट 91 वोट में से 91 अजित पवार के पक्ष में
कुल संचालक मंडल 21 सदस्य

🔁 कौन-कौन था मैदान में?

इस बार मुकाबला तीन बड़े पैनलों के बीच था:

  1. नीलकंठेश्वर पैनल – अजित पवार समर्थित

  2. बळीराजा पैनल – शरद पवार (एनसीपी-एसपी) समर्थित

  3. सहकार बचाव पैनल – रंजन तावरे और महादेव बाप्पा समर्थित

लेकिन, भारी वोटिंग के बाद अजित पवार ने अपने विरोधियों को एकतरफा मात दे दी।


📌 क्यों खास है यह जीत?

  • राजनीतिक पकड़ का सबूत: यह जीत अजित पवार की बारामती और सहकार क्षेत्र पर मजबूत पकड़ को दर्शाती है।

  • परिवार में शक्ति संतुलन: यह परिणाम शरद पवार बनाम अजित पवार की लड़ाई में भी बड़ा संदेश देता है।

  • सहकार से सत्ता तक: यह चुनाव भविष्य की राजनीति के लिए पावर सेटअप तय कर सकता है।


🧐 विवाद भी कम नहीं

  • बैंकिंग ट्रांजैक्शन पर सवाल: चुनाव की रात कुछ बैंक ट्रांजैक्शन को लेकर विरोधियों ने SIT जांच की मांग की है।

  • अजित पवार का बयान: उन्होंने कहा कि चेयरमैन बनने का उनका कोई इरादा नहीं है।


📣 क्या बोले अजित पवार?

“मैं ये चुनाव संगठन को मज़बूत करने के लिए लड़ रहा था। सत्ता की नहीं, सेवा की भावना से आया हूं।”


📰 निष्कर्ष

माळेगाव साखर कारखाना चुनाव में दादा की जीत सिर्फ चुनावी नहीं, एक राजनीतिक बयान है। यह दिखाता है कि भले ही पारिवारिक विवाद हों, लेकिन जमीनी पकड़ आज भी अजित पवार के पक्ष में मजबूत है।


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👉 महाराष्ट्र सरकार के सहकार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि,

माळेगाव सहकारी साखर कारखाना जैसी संस्थाएं राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ की हड्डी हैं। ऐसे चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। किसी भी तरह की अनियमितता की शिकायत पर उचित जांच की जाएगी।”
सहकार विभाग की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि बँकिंग गतिविधियों या वोटिंग प्रक्रिया में कोई संदेहास्पद गतिविधि पाई गई तो उस पर SIT जांच की जा सकती है।

🔗 अधिक जानकारी और अधिकारिक प्रेस नोट्स के लिए देखें: सहकार विभाग, महाराष्ट्र सरकार – Official Website

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