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घाटलोडिया उपचुनाव में AAP का चौंकाने वाला जीत, लेकिन ECI की प्रक्रिया पर सवाल खड़े

AAP की ऐतिहासिक जीत: BJP का गढ़ टूटा
गुजरात के प्रतिष्ठित घाटलोडिया विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार भूपत भायाणी इटालिया ने BJP को हराकर चौंकाने वाली जीत दर्ज की है। यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल और पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी मानी जाती रही है।
AAP की यह जीत न सिर्फ एक राजनीतिक उपलब्धि है, बल्कि 2025 के राजनीतिक माहौल में बड़ा संकेत भी है कि शहरी मतदाता अब विकल्पों की तलाश में हैं।
🎯 AAP की ‘इटालिया चाल’ काम आई
AAP ने जानबूझकर भूपत इटालिया जैसे जमीनी नेता को टिकट दिया:
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वो पटेल (पाटीदार) समुदाय से आते हैं, जो गुजरात की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता है।
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इटालिया की छवि ईमानदार और स्थानीय मुद्दों से जुड़े नेता की रही है।
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पार्टी ने 6 महीने पहले से बूथ स्तर पर संगठन निर्माण शुरू कर दिया था।
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बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सुरक्षा जैसे स्थानीय मुद्दों पर सीधे संपर्क किया गया।
🕵️♂️ ECI पर उठे सवाल: क्या चुनाव प्रक्रिया का पालन हुआ?
AAP की जीत जितनी चौंकाने वाली थी, उतनी ही ECI (चुनाव आयोग) की प्रक्रिया पर सवाल भी खड़े हुए:
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उम्मीदवार का नाम चुनाव तिथि घोषित होने से पहले सार्वजनिक कर दिया गया था।
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चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ही शीर्ष नेताओं ने प्रचार शुरू कर दिया।
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कई राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि ये संवैधानिक और नैतिक उल्लंघन हैं।
The Hindu के संपादकीय के अनुसार:
“ECI की जिम्मेदारी सिर्फ निष्पक्ष चुनाव करवाना नहीं, बल्कि ऐसी प्रक्रिया अपनाना है जिस पर जनता को पूर्ण भरोसा हो।”
📅 घाटलोडिया उपचुनाव की समयरेखा
दिनांक | घटना |
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10 मई, 2025 | AAP ने मैदान में उतारे संकेत |
18 मई, 2025 | भूपत इटालिया का नाम सामने आया |
20 मई, 2025 | चुनाव कार्यक्रम घोषित हुआ |
15 जून, 2025 | मतदान संपन्न |
23 जून, 2025 | परिणाम: AAP ने ~8,600 वोटों से जीत |
🧭 इस जीत के मायने क्या हैं?
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AAP के लिए: गुजरात जैसे राज्य में भरोसा मिलने का संकेत।
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BJP के लिए: पटेलों, युवाओं और शहरी मतदाता में गिरता समर्थन।
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ECI के लिए: पारदर्शिता और निष्पक्षता पर फिर बहस शुरू।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इससे:
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चुनाव प्रक्रिया पर न्यायिक हस्तक्षेप हो सकता है।
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ECI सुधारों की मांग और तेज हो सकती है।
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