2025 में ईरान और इजराइल के बीच छिड़े युद्ध ने अब अमेरिका को भी खींच लिया है। अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए हैं और इस पर ईरान द्वारा जवाबी कार्रवाई की आशंका है। साथ ही यमन के हूती, इराकी मिलिशिया और लेबनान का हिज़बुल्ला जैसे गुट भी इस संघर्ष में सक्रिय हो चुके हैं।
🔥 विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि हालात भले ही गंभीर हैं, लेकिन अभी इसे तीसरा विश्व युद्ध नहीं कहा जा सकता।
सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार, जब तक प्रमुख वैश्विक शक्तियाँ जैसे रूस, चीन, यूरोपीय संघ इस संघर्ष में सैन्य रूप से शामिल नहीं होते, तब तक इसे वैश्विक युद्ध कहना जल्दबाज़ी होगी।
🛑 लेकिन खतरा असली है
वैश्विक तेल आपूर्ति पर खतरा मंडरा रहा है।
परमाणु हथियारों की बात सामने आने लगी है।
साईबर अटैक और आतंकवादी हमलों की आशंका भी बढ़ गई है।
🇮🇳 भारत की स्थिति
भारत को इस युद्ध से सीधे कोई सैन्य खतरा नहीं है, लेकिन:
ऊर्जा सुरक्षा,
खाड़ी देशों में बसे भारतीयों की सुरक्षा,
वैश्विक व्यापार और आर्थिक स्थिरता
— जैसे मुद्दों पर गंभीर असर पड़ सकता है।
📢 निष्कर्ष:
तीसरा विश्व युद्ध अभी शुरू नहीं हुआ, लेकिन हालात उस ओर बढ़ सकते हैं अगर कूटनीतिक प्रयास विफल होते हैं। भारत को सतर्क रहना होगा और वैश्विक शांति की दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी होगी।